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Love Shayari

Evergreen Shayari

तू मोहब्बत नहीं इबादत है मेरी, तू जरूरत नहीं जीने की आदत है मेरी, बन गया हूँ तेरी यादों का कैदी, अब तो बस तू ही जमानत है मेरी।

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